पाणी तो बरसादै ओ म्हारा रामजी

पाणी तो बरसादै म्हांरा रामजी रै, ऊबी-ऊबी नाळुं थारि बाट रै

पाणी तो बरसादै ओ म्हांरा रामजी रै…(2)

ऊमग्यो असाढ़ लाग्यो सावण सूवावणो

भाईल्या रै ताना मारै पाणी रै बरैस रैयो।

पाणी तो बरसादै ओ म्हांरा रामजी ऊबी-ऊबी नाळुं थारि बाट रै

तावड़ो मन्दो पड़ज्या रै

तावड़ो मन्दो पडज्या रै, सूंरज बादळा म गुसज्या रै…2

म्हारी चन्दा चमेली मुरजावै करणा बादळ म गुसज्या रै

तावड़ो कम पडज्या रै, सूंरज बादळा म गुसज्या रै…2

राम को नरम जींऊ किरणा बादळ म गुसज्या रै…2

बणै बादळी म पकसी बण जांऊ

पकसी बणकर फर-फर ऊडतो बादळ म रम जांऊ

करमां न मत दै दोस

बीरा मत दै म्हारी मण्‍डळी न दोस

करमां की रेखा नाळी नाळी…2

बीरा मांरै एक ई मांई के बेटे च्यार

करमां की करणी नाळी नाळी….2

बीरा मांरै पैलो तो बण्यो रै थाणादार

दूसरो तो हळ हांकतो फरै।

तीसरो बण्यो सावकार अर चोथो तो भिख मांगतो फरै

गोकुल की गुजर्या

गोकुल की गुजर्यां लड़बा आगी रे म्हांरा सांवरिया।

म्हांरा सांवरिया गोकुल की गुजर्यां लड़बा आगी रे

गुजर्यां की मटक्यां फोड़ी ज्याग म गुसर फोड़े

चोरी की कांई आदत पड़गी रै म्हांरा सांवरिया

म्हांरा सांवरिया गोकुल की गुजर्या लड़बा आगी रे

भोळा सिवजी परणबा चाल्या

भोला सिवजी परणबा चाल्या री सखी

हेमांचल की पोळ्या म-2

बरमां बी चाल्या वांके बिष्णु बी चाल्या…।

अर वांके लारां चाली बरमाणी

हेमांचळ की पोळ्यां मे

भोळा सिवजी परणबा चाल्या री सखी

हेमांचळ की पोळ्या म-2

राम जी बी चाल्या लछमण जी बी चाल्या

म्हारी माता जी क चांदी का किवांड

म्हारी माता जी क चांदी का किवांड...2

सीमेन्ट की तो मड़ी डागळ्या...।

म्हारी माता जी क हरया- हरया बाग…2

बागा म तो बोलै कोयलड़ी…।

म्हारी माता जी क चुनड़ गोठा दार की

माथा प चमके बीजळा....।

म्हारी माता जी होरी सिंग सवार

माता जी का मन्दर म भरतार

माता जी का मन्दर म भरतार म्‍हूं तो नाचुंगी…2

दोनी हाता म चुड़ो सजार, माता जी का मन्दर सजारै म्हू तो नाचुंगी

व्ह गोरा गोरा हात म, चुड़लो हाथी दांत को

माता जी का मन्दर म डर कांई बात को

अर हात म चुड़ो पैनर नाचुंगी……2

बाई म्हारी न्ह जावै गागर भरबा

न्ह जावै गगरो भरबा बाई म्हारी मां… (2)

नंदलाल घणो सतावै म्हारी मां…।

न्ह जावै गगरो भरबा बाई म्हारी… (2)

एक दन बाई म्हारी छाछ बेचबा…।

कान्‍हा न मांथणी फोड़ी म्हारी मां…।

न्ह जावै गगरो भरबा बाई म्हारी… (2)

एक दन बाई म्हारी यमुना नाअबा गई…।

म्हारी जगदंबा भवानी

म्हारी जगदंबा थारो सणगार चोखो लागर्यो… (2)

काना म कुण्डल पैर्यां…॥

आख्यां म काजळ लगायां…॥

माथा प लाल चुनड़ी ओड्या

म्हारी जगदंबा थारो सणगारै चोखो लागै र्यो… (2)

माथा प बिन्दीया चमकै…॥
होठां प लाली, अरै पावां म घूंघरु बाजै…।

देणो होवै तो द्‍यो जनम-जनम को सात

देणो होवै तो द्‍यो जनम-जनम को सात……(2)

मांरै मांथै रकै बनवारी मांरै माथै रकै गिरदारी थारा दोनी हात

देणो होवै तो द्‍यो जनम-जनम को सात……(2)

अबै तो दे द्‍यो जनम-जनम सात

देबा हाळा स्याम भगवान सूं अबै धन दोलत कांई मांगा