हाडोती इतिहास

हाडोती इतिहास

समुदाई:- समुदाई दो या दो सूं जादा मनक्यां को जोड़ छअ। समुदाई बडो या छोटो बी हो सकअ छअ। मनक्यां मअ परेम भाईचारो सयोग को भाव छअ तो समुदाई मअ बड्‍या भावना पदा होबा सूं सन्दा छेत्‍तर मअ बड्‍या परभाव पड़अ छअ। समुदाई मअ छेत्‍तर की आरथिक, संस्करतिक अर राजनितिक समानता पअ रअ छअ। एक गांऊ,सअर,परान्त मअ दो या दो सूं जादा जतना मनक सयोग मअ बधंर समाज का उदेस्य नअ पाळअ अर सादा जीवन ज्यें छअ, अर सन्दा मलअर समुदाई को निरमाण करअ छअ। हाडोती समुदाई गरीब होबा सूं सादा रअण-सअण छअ, जे पीसा हाळो छो ऊंको जीवन सादा परवार सूं बड्‍या छो। सादा जीवन को मल्लब वअ मनक तड़कअ बेगा उठअर अपणा कामकाज मअ लाग जावअ छा। अर स्याम तांई काम करअ छा। यो वांको दनभर को कामकाज रअ छो। गांऊ को जीवन बड्‍या रअ छो। वअ सदा वांकअ पीसा कोढी नूसार काम करअ छा। गांऊ का मनक तड़का सूं काम की सरूवात करअ छा। वांका बच्‍यार लोठा नअ रअ छा। अर खेती बाड़ी पअ जादा ध्यान दे छा। मनक जस्सी ज्यात को रअ छो, ऊंकअ नुसार काम मल जावअ छो। एक-दूसरा मअ भेदभाव कोइनअ छो। मलअर जीवन ज्ये छा। हाडोती मअ सबसूं बड्‍या खाणो ज्यार, मक्‍का की रोटी अर हरी स्याग अर दाळ छअ। अर बार-थ्वार आबा पअ वअ गंऊ की रोटी बणाल्य छा। हाडोती मअ खाणा मअ लड्‍डू बाटी सबसूं बड्‍या अर फेमस मान्या ग्या छअ। अर घणा मनक मांस बी खावअ छअ। बड़्‍या खेती-बाड़ी ज्यार, मक्‍का, गंऊ सोयाबीन, सरसूं, तल्‍ली खेती बाड़ी होवअ छअ। ये सन्दी फसला खरीब, रबी, जायद की फसल कअ मलाढी आवअ छअ। हाडोती समुदाई की आरथीक दसा घणी कमजोर छी। टअम कअ लारां आरथीक दसा मअ बदलाऊ होयो आबाणूं की दसा कअ पअली खेती बाड़ी पअ ई जीवन छो। पण आबाणूं का टअम मअ सादन बड्‍या होबा सूं खेती बाड़ी मअ घणो सूधार होयो छअ।


गांऊ मअ हाडोती समुदाई की खुबी (विशेषताएं):-

गांऊ मअ समुदाई की थोड़ी असी खूब्यां छअ ज्ये नाळा समुदाई मअ नअ मलअ। गांऊ का समुदाई मअ रअबाळा एक खास परकार को होवअ छअ। ज्ये आज थोड़ी सीमा तांई सअर का समुदाई सूं नाळी छअ।

गांऊ का समुदाई की खुब्यां निम्‍न परकार सूं छअ।

खेती बाड़ी धन्दो:- गांऊ मअ रअबाळा को अपणी खेती योग्य ठाम पअ अपणो हक होवअ छअ। खेतीबाड़ी करबो अर कराबो वांकतांई अपणा परवार मअ बूढा मनक्यां सूं मलअ छअ। दीरां-दीरां

आज सरकार का बढता खेती बाड़ी का कारीकरम अर नया वेग्यानिक तरिका सूं खेती बाड़ी मअ उपकरण सूं उपज घणी होवअ छअ। अर गांऊ मअ असी ज्याति का बी परवार रअ छअ ज्यांकअ गोडअ खेती बाड़ी करबा की ठाम नअ होवअ वअ लोआर, सुनार जस्या काम धन्दा मअ लाग्या रअ छअ। पण वांकअ बी मन मअ खेती बाड़ी सूं लगाऊ रअ छअ। खास्तगारां कअतांई मान देवअ छअ अर मसूस करअ छअ कअ कास म्हांकअ बी खेती-बाड़ी करबा की ठाम होवअ। ज्यांकअ खेती बाड़ी छअ वासूं म्हानअ घणो बस्वास छअ। थोड़ा गरीब मनक अर खेती-बाड़ी की ठाम नअ होबाळा गांऊ का मनक्यां को जीवन खेती बाड़ी सूं जुड़्यो रअ छअ। वांको जीवन खेती बाड़ी पअ निरभर रअवअ छअ।

सादा अर सरल जिन्दगी:- हाडोती गांऊ मअ समुदाई का मनक्यां को जीवन सीदो-सादो होवअ छअ। यांकअ अदर्यास सअर की चमक-दमक को असर कम होवअ छअ। वांको जीवन चन्ता-फखर सूं दूर सादा जीवन मअ रम्यो रअ छअ। वांको खाणो अर रअबो-करबो सादा अर पवितर रअ छअ। गांऊ हाळा का बच्यार अर ब्वार परेम सादा अर सच्‍चो रअ छअ। पांवणा कअ परति घणो बस्वास अर लगाऊ होवअ छअ। गांऊ समुदाई मअ बड़ा परवार एक खास बात छअ। परवार कअतांई टूटबा सूं रोकबो अर परवार की दिक्‍कत नअ दूसरा परवार सूं छूपार दिक्‍कत नअ खुद दूर करबा कि घणी कोसिस करअ छअ। परवार टूटबा को रिसतो वांकी सामाजिक दसा अर मान-मर्यादा सूं जुड़्‍यो होवअ छअ। जीसूं परवार का मुखिया अर बड़ा बूढा मनक इनअ अपणो मान समजअर परवार कअतांई एक बणार राखबा क्ले कोसिस मअ लाग्या रअ छअ। अर हाडोती गांऊ का समुदाई मअ सिक्सा को परचार आबाणुं बी कम छअ। असिक्सा अर अग्यानता अर पराणी परथा को सीदो असर गांऊ की बाईरां पअ पड़अ छअ। हाडोती गांऊ का समुदाई मअ असिक्सा को असर घणो छअ।

गांऊ का मनक्यां को ब्वार पराणी परथा को समाज क्ले असर पड़अ छअ। अर सिक्सा की कमी सूं कांई बी बच्यार कर्या बना बस्वास अर बरा चाल चलण का सिकार बण्या रअ छअ। भाग्य पअ घणो बस्वास करअ छअ। साक्‍सर समाज का कार्यकरता अर स्वयंसेवी संगठन कअतांई  गांऊ का समुदाई मअ परिवरतन कअ कारण आबाणू का टअम का बारां मअ जाणअर वां का रअबाळा की जरूरत अर दिक्‍कतां नअ दूर करबा क्ले योजना बणार मनक्यां की सायता करअ छअ। सामुदायिक कल्याण, बदलाऊ, विकास कअतांई साकार बणाबा की कोसिस करअ छअ।
 


भासा (बोली):-

हाडोती परान्त की भासा को नाऊं हाडोती छअ। ज्यां मुखे रूप सूं हाड़ा राजपूत बस्या छा। ऊ टअम मअ रास्तांन को कोटा, बूंदी अर चितोड़ जिला को पुर्वी ईस्सो मायड़ असुद हाडोती छेतर छअ।बारां जिला की साहबाद  तअसील मअ मिक्स हाडोती बोली जावअ छअ। जिनअ डांगी बोली खवअ छअ। दक्षिण मअ असनावर, अकलेरा आदि झालावाड़ जिला की तसीलां मअ बी हाडोती बोली जावअ छअ। पण असनावर मअ मालवी को असर बढतो जावअ छअ। खानपुर तअसील मअ हाडोती छअ। अब रास्टभासा को परचार बढतो जार्यो छअ। जीसूं पढ्‍यो-लिख्यो मनक एक-दूसरा सूं हिन्दी अर परवार मअ हाडोती काम मअ लेबा लागग्या। डाक्टर ग्रियर्सन नअ 1894 सूं 1920 ई.सी तांई सन्दा भारत की बोली अर भासाओं की जाणकारी ली। अर वांकी बोल्यां, चाल-चलण आबाळा नांऊ अपणाया। वानअ हाडोती सबद को परयोग अपणा गरन्थ मअ कर्यो। हाडोती को ब्वार बोलचाल मअ ई रर्यो छअ। साहित्य मअ हाडोती को परयोग होबा को कोइ सबूत नअ मलअ। वंस भास्कर का रचबाळा सुर्यमल्ल मिसरण बूंदी का रअबाळा छा। अर वानअ अपणी रचना 1841 ईं.सी मअ सरू करी। वानअ इमअ संस्करत, पराकत, डिंगल, बरज अर मरूदेसीय को परयोग कर्यो छो। हाडोती राजावों का गुणगान करबाळा ई कवि नअ हाडोती कअतांई अपणा गरन्थ मअ ठाम नअ दी। इसूं बअम होजावअ छअ कअ हाडोती नांऊ की कसी को नामकरण ऊ टअम तांई नअ होयो होगो। हाडोती मअ सबसूं पअली छप्यो गरन्थ बाईबल गरन्थ कअ “न्यू टेस्टामेन्ट“ का  हाडोती मअ अनुवाद छअ। यो गरन्थ 1808 ई. कअ

आगअ-पाछअ छप्यो छो।

भासा बिग्यान का हस्याब सूं हाडोती सबसूं बड़्या छअ। बिस्व इस्कुल अनुदान आयोग कअ हस्याब सूं ईं हाडोती कअतांई कोटा विस्व इस्कुल मअ बी जगअ मली छअ। ।कोटा बारअ कोसा बोली पलटअ, बनफळ पलटअ पाका बरस छतीस जोबन पलटअ, लखण नअ पलटअ लाखा॥  ई बात को खअबा को अरथ छअ बारअ कोस चालबा सूं बोली नाळी हो जावअ छअ। ज्ये यो आपणो डील छअ यो छतीस बरसा मअ पलटअ छअ। अर जस्या आदतां जिन्दगी भर नअ बदलअ। आपणी हाडोती नअ दना-दन भूलता जार्या छअ। हाडोती कअतांई ज्ये गांऊ का मनक छअ वअ ई वांका जीवन मअ काम लेर्या छअ। अर सअर का मनक इनअ भूलताई जार्या छअ। ईं हाडोती खतम होबा सूं बचाबा कअ तांई घणो जरूरी छअ। ईं जमाना का छोरा छोरी पढ्‍या-लिख्या मनक इनअ घणा कम मअ काम मअ लेर्या छअ।

निर्माण सोसायटी एक अस्यां की संस्था छअ। वा रास्तान मअ इनअ सन्दा भारत का परान्त का छोटा-छोटा छेत्‍तर मअ बोली जाबाळी जामण कअ तांइ मण्ड्‍यो रूप देर ऊंई वांका रितीरिवाज कअ तांई बचाबा को काम कर्री छअ। रास्तान मअ पअली बार हाडोती कअतांई माण्डबा को काम निरमाण सोसायटी करा री छअ। संस्था गांऊ का बूढार मनक्यां नअ ज्ये पढ़्या लिख्या कोई नअ वांकताई पढाबा को काम कर्री छअ। इकअ अलावा समाज मअ चालरी पराणा टअम की बरायां या कु परथा मअ सुधार कअ लेकअ काम कर्री छअ हाडोती कत्याबा की जाणकारी देर अर जांचर अपणो पुरो-पुरो सआरो द्‍यो छअ। जीसूं कत्याबां त्यार होरी छअ।


संस्करति:-

हाडोती छेतर की बसबा कअ पाछअ एक क्याणी मली छअ। ई छेतर को नाऊं हाड़ा राजपुतां सूं ल्यो ग्यो छअ। जिमअ महान चोआन राजपुतो को एक हिस्सो मल्यो छअ। बारवी सताब्दी कअ सरूवात मअ हाडा मनक हाडोती छेतर मअ चलग्या छा। एक हाडा मनक्यां का हिस्सा पअ मनक हाडा राव देवा नअ 1241 ई.सी बरस मअ बूंदी पअ कबजो करल्यो। अर 126 ई.सी मअ कोटा पअ बी कब्जो करल्यो। कोटा नअ 1579 का बरस मअ एक आजाद परान्त कअ रूप मअ अपणी ठाम

बणाली। अस्यांई झालावाड़ 1838 का बरस मअ नाळो परान्त बणग्यो। हाडोती कला अर मूरति कला को खजानो छअ। मन्दर का थोड़ा अजुबा अस्या छअ ज्ये सन्दा खुण्या मअ छअ। बूंदी एक खास सअर छअ। यो एक सकड़ा घेरा मअ घर्यो होयो छअ। ई हाडोती छेतर को बून्दी मअल अपणा ब्रेकट, टावरों अर बालकनी कअ लारां राजपुत वास्तुकला की अनोखो उदारण छअ। कोइ बी खास परसिद इस्कुल कअ सानदार फोटूं कअ लारां फोटू-साला सूं खुस होबा सूं कोइ नअ रोकर्यो। ज्ये मअल की भींत्या नअ सजावअ छअ। बार-थ्वार अर मेळा की टअम पअ, सन्दो हाडोती छेतर को रंग अर खुसी सूं भर जाव छअ। रास्तानी संस्करती कअ परति होबा की वजअ सूं हाडोती छेतर का घणा मनक हिन्दू धरम की पालना करअ छअ। वअ लंगढंग सन्दी परमपरा रास्तानी थ्वार जस्यां द्‍वाळी, होळी, तीज, गोगाजी, सक्रयांत, अर कान जी की आटअ(जन्माष्टमी) बी मनावअ छअ। हाडोती मअ पुष्कर उच्छब रास्तान को खास थ्वार मअ सूं एक छअ अर हाडोती मअ उच्छब मनाया जावअ छअ। हाडोती छेतर मअ केसुराय पाटन को एक फोरो सो उप-विभाग छअ, ज्ये बुन्दी सअर सूं चाळीस किलोमीटर अर लंगढंग इक्‍कीस किलोमीटर दूर बस्यो छअ। रास्तान परान्त का विकास अर ओधोगिक विकास नअ बढाबा क्ले, कोटा मअ खास हाडोती ओधोगिक मेळो मनायो जावअ छअ। ई संबंध मअ पअल करबा क्ले उधमियो कअतांई बुलायो जावअ छअ। रास्तान सरकार नअ बी वांकी सन्दी मअन्त पअ सात द्‍यो छअ। रास्तान परान्त को एक हिस्सो होबा सूं हाडोती को छेतर खेती-परदान छअ, मनक्यां कअ लारां खेती-बाड़ी पअ आदारीत छअ। ज्ये अपणा जीवन की मनसा नअ पुरी करबा क्ले खेती का काम नअ सीखअ छअ।

गंऊ, दाळ, ज्यार, सांटो असी फसल छअ। ज्ये यां उगाई जावअ छअ। हाडोती छेतर घणी बड़्या तरअ सूं तेल का बीज अर खनिज का सादना सूं फलता फूलतो छअ। हाडोती छेतर मअ घणा संगीत अर नाचबो घणो खास छअ। हाडोती छेत्‍तर का च्यार जिला मअ वेसभूसा बर्याबर छअ, ज्ये पराणा मनक अर बाईरां मअ मनक को पअनावो धोती, कमीज,स्यापो(पगड़ी) कान मअ कुण्डळ अर हात मअ चांदी का कड़ा, पांऊ मअ चमड़ा की जुती, पअर्यां रअ छा। बाईरां लूगड़ो, घागरो, बलाऊज, नाक मअ नथड़ी, पाऊं मअ पाइजेब, हात मअ चूडा़ माथा पअ राखड़ी अर कमर मअ कणकती पअन्या रअ छी। हाडोती छेत्‍तर बूंदी, कोटा, झालावाड़ अर बारां जिला मअ ज्ये मनक रअ छा वअ अपणा घर व झोपड़्यां की भीत्या नअ सूनो राखबो असुभ मानअ छा। खाली भीत्यां पअ माण्ड्‍यो मांड देवअ छा। माण्ड्‍या को अरत सजावट रअ छो। सांस्करतिक थ्वार, तीज थ्वार बड़्या कारीकरमा की टअम पअ गांवा मअ आबाणू बी बाईरां बड़ा चाव सूं अपणा घरां की भीत्यां अर आंगणा मअ माण्ड्‍यां बणावअ छअ। अर नाळा-नाळा ढंग सूं मण्ड्‍या माण्ड्‍यां मनक का जीवन मअ अपणा बच्यार कला, की जाणकारी दे छअ। हाडोती गांऊ मअ नाळा-नाळा माण्ड्‍यां माण्डबो पराणी रीत री छअ। यां थ्वार की टअम पअ घणा परकार का माण्ड्‍यां माण्डअ छअ जस्यां दसेरो, द्‍वाळी की बड़्या टअम पअ बणाया जाबाळा माण्ड्‍यां मअ हीड़, हटड़ी, छेफूला, चोक, कमळ को फूल, चन्दरमा, सुरज, पगल्या, द्‍यो, आदि बणाया जावअ छा। धरम सूं जुड्‍यो बस्वास छोटा पगल्या घर का नांगळ की टअम अर बड़ा पगल्या लक्ष्‍मी पुजा की ठाम पअ बणाया जावअ छअ। धनलक्ष्‍मी अर गंऊ की लक्ष्‍मी कुसलता को परतिक निसाण सात्यो, मोर-मोरणी अर घरां कअ बारअ की भीत्यां पअ आंगणा मअ तिरीभुज, चतरभुज, बहुभुज, गोळ्यो अर बिन्द्‍यां का माण्ड्‍यां माण्डअ छअ। गांऊ की लुगायां चटी आंगळी सूं मअन्दी लगार घणी लाईणा की वजअ सूं आपण च्यारूमेर मलक का निसाण रूपाळी डिजाइन कअ लारां बड्‍़यां माण्ड्‍यां बणावअ छी। भारत की संस्करति मअ थ्वार आणन्द हाळा रअ छअ। आणन्द ई कला छअ। सावण मीना मअ कावड़ का माण्ड्‍या बणावअ छअ। अर सकर्यांत पअ नाचती फूदकती चड्‍़यां, पतंग, होळी का चंग, खाड़ा, ढोलक, गणगोर पअ गोर का बेसण, गुणा, नोरता पअ दुरगामाता, सीतळा आटअ पअ सीतळा माता परतिक अर पगल्या बणाबा की रीत री छी। ब्याव की टअम बाईरां घरां मअ लिपबा अर पोतबा का घणा माण्ड्‍यां बणाव छी। पोता भीत की आदा फूट कअ अदर्यास लगाया जावअ छा। अर घणी ज्यात्यां मअ या रीत छी। बअलगाडी, रथ, बारअ परकार की फूलड्‍यां, हटड़ी चोक, सात्यो, मोटरगाडी, रअलगाडी, नाळा परकार को मोड़ा हास्य अर मन नअ मोबाळा लोक कला का रूप हाडोती माण्ड्‍यां मअ मलअ छअ। संझा कला बी सजावट को रूप छअ। ज्ये दसेरा सूं पअली सराद की टअम पअ बणाई जावअ छी। हाडोती का गांवां मअ आबाणु बी गार की हीड़, लोक मुरत्यां अर खिलोणा बणाबा की परम्परा जिन्दी छअ।


धरम:-

धरम को अरत होवअ छअ कसी बी बड्‍या बात नअ सिखबो धरम करम का बस्वास पअ छअ। धरम को अरत मनक सूं ई कोइनअ ऊ मनक का ज्ये बी गुण छअ वानअ पा सकअ। अर मनक का गुण नअ धरम बी बोल सकअ छअ। धरम अर अरत मनक सूं ई नअ जुड्‍यो, कसी बी चीज सूं धरम को मल्‍लब हो सकअ छअ। जस्यां की पाणी को धरम, उजाळो, गरमी देबा सूं अर दुसरी चीज सूं मलबा सूं वस्तु जळ जावअ छअ। जड़ चेतन कअ रूप मअ बी धरम छअ। कोइ चीज या मनक होवअ सन्दी परथवी का कस्या बी खूण्यां का मनक को बसबो एक ई होवअ छअ। कोइ देस अर रंग रूप मअ बादा नअ होवअ। सन्दा टअम (काल) मअ‌ धरम एक ई होवअ छअ। धरम कदी नअ बदलअ अर मनक जमारा मअ बी सन्दा मनक्यां को एक ई धरम होणी छाव छअ। मनक जमारा मअ धरम की बात करां तो ऊ केवल मनक को धरम छअ। हाड़ोती समुदाई धरम मअ हिन्दू धरम व मूसलिम धरम थ्वार पअ रअ छअ। जस्यो थ्वार आवअ छअ मनक अर बाईरां उस्यो पअनावो  पअरअ अर सजअ छअ। हाडोती की बाईरां घणी रूची दखावअ छअ। लुगायां का कारेकरम घणा होव छअ। हाडोती मअ नाचअ अर गावअ छअ। मन्दर पअ पूजा आरती बी करअ छअ। यांकी संस्करति घणा कारेकरमा सूं भरी छअ। हाडोती छेत्‍तर मअ रितू कअ नूसार मोसम मअ बदलाऊ आवअ छअ। जस्यां च्यार मीना उन्दाळो, च्यार मीना स्याळो, अर च्यार मीना चोमासो अस्यांई मोसम बदलतो रअ छअ।

कोटा-सिवमन्दर अर गुप्‍तकाल अभिलेख (चारचोमा):- कोटा सूं लगंढंग 25 किलोमीटर दूर दक्षिण-पश्मिम मअ सिव मन्दर को मूळ रूप गुप्‍तकाल छअ। ज्यांको सबूत अभिलेख(साक्ष्य) सूं होव छअ। उन्‍नीसवी सताब्दी मअ ई मन्दर कअतांई दूबारा बणायो ग्यो। इस्कीम(योजना) ई मन्दर मअ गर्भगृह, अन्तराल, अर मन्दर कअ मलाडी हाळो हिस्सो (सभा मण्डपयुक्‍त) छअ। जिमअ घणी बड़ी च्यारू आडी सिवलिंग छअ। ब्राहमी लिपि मअ खुदा ई हाळी (उत्कीर्ण) गुप्‍तकालीन दो अभीलेख मअ मन्दर बणाबा की नींव राखबा की बात मलअ छअ। कोटा - झालावाड़ का गेला मअ एक सकड़ी घाटी, जिनअ दरा/मुकन्दरा कअ नाऊं सूं जाण्यो जावअ छअ। उमअ दो स्मारक छअ। एक छोटी गढ़ी, ज्ये मध्‍यकालीन सिकारगाह कअ नाऊं सूं जाण्यो जावअ छअ। जिमअ घुसतांई दक्षिण पुरब मअ बड़ी मेहराबयुक्‍त द्‍वार छअ। या दो मन्जिल इमारत छअ। ईकअ तळ का ईस्सा मअ आंगणा मअ बड़ो पाणी कुण्ड छअ। रअबाळा हिस्सा कअ पाछअ एक फोरो सिव मन्दर छअ। घुसबाळा द्‍वार कअ गोडअ आंगण मअ बावड़ी बणी छअ। गढ़ी कअ बणाबा मअ भाटा कअ अलावा लाखेरी की ईंटा बी काम ली छअ। चूना मअ मल्यो गारा सूं चूणाई करी गी छअ। गढ़ी कअ गोडअ ई गुप्‍तकाल टअम को मन्दर, जिनअ भीमचोरी कअ नाऊं सूं बी जाण्यो जावअ छअ। रास्तान कअ मन्दर निसाण सूं सबसूं पराणा छअ। पुरब मुण्डा कअ ई मन्दर मअ उत्‍तर अर दक्षिण दसा सूं परवेस पकत्या बण्या होया छअ। क्षेतिज इस्कीम मअ ये मन्दर भारी खम्भा सूं गर्भगृह, भित्तिस्तम्भ अर मण्डपायुक्‍त र्यो छअ।

ज्यांका निसाण थोड़ा बाकी छअ। खम्भां कअ अदर्यास का हिस्सा मअ गुप्‍तकालीन विशिष्ट ज्यामितीय अर फूला सजी होइ छअ। यांकी शिथिल मूर्तियों कअ अलावा या गुप्‍तकाल सूं गणेस जी की मुरत अर अलंकरण घेरा मअ ढोल बजाता बाळक दिखायो ग्यो छअ।

बून्दी को पराणो टीलो- कोटा सअर सूं लंगढंग 15 किलोमिटर उत्‍तर पश्‍चिम मअ चम्बल नन्दी कअ

कनारअ केसवराय पाटण, जिंको पराणो नाऊं आसरम नगर, आसरम पक्‍कन या पाटण छअ। ईंको इतिहास घणो पराणो र्यो छअ। यां घणा बडा टीला को एक बडो हिस्सो छो। ज्ये चम्बल का बहाव सूं कतम हो चुक्यो छो। या ठाम मान्यता दखावअ छअ। या ठाम मथुरा सूं उज्जेन जाबाळा पराणा

गेला मअ व्यापरिक गेला मअ छअ। ई पराणा टीला को एक घणो बड़ो टीलो आबाणु बी आबाद छअ। यां केसवराय जी को मन्दर छअ। जिकी वजअ सूं ईको नाऊं केसवराय पाटण पड्‍़यो। आबाणु बी ई ठाम को गुजर्यो टअम को सबूत छअ।

पराणा निसाण (अवशेष) (कृष्णविलास):- जिला मुख्यालय बारां सूं उत्‍तर-पश्‍चिम मअ विलासी नन्दी कअ घणा जंगळ मअ लगंढंग तीन वरग किलोमीटर कअ छेत्‍तर मअ घणा मन्दर अर पराणा किला का निसाण बखर्या पड़्‍या छअ। ई ठाम नअ पराणी टअम मअ विलास का नाऊं सूं बी जाण्यो जावअ छो। यां बखर्या घणा जेन अर हिन्दू मन्दरां का नसाण कअ आदार पअ या बात साबित होवअ छअ कअ करसण विलास 9-10 वी सताब्दी ई. मअ धरम का बस्वास को परसिद केन्दर र्यो छअ। हिन्दू मन्दर मअ घणा विष्णु कअतांई समरपित छअ। मुख्य विसणु मन्दर, जिनअ चार खम्भा का नाऊं सूं जाण्यो जावअ छअ। विसणु भगवान की विसव सताब्दी 1178 (1121 ई.) मअ मुरती मली छी। यो मन्दर अदर्यास चुंतरा कअ बीचमअ छअ। ज्ये सहतीर युक्‍त च्यार खम्भा पअ आदारित छअ। अर च्यार खुण्यां मअ एक-एक फोरा मन्दर छअ। जद की एक नाळो फोरो मन्दर मेन मन्दर कअ पाछअ छअ। यां सूं मल्या मुरतिसिल्पो मअ विसणु का घणा अवतार फलक, बंसरी हाळा करसण, सेससायी विसणु की मुरती परंमुख छअ। करसनविलास मअ घणा लोठा जेन मन्दर का निसाण या मल्या छअ। यो छेतर ऊ टअम मअ जेन समपरदाय को बी परमुख केन्दर र्यो छो। जिन्द्रिताचार्य कअ द्‍वारा 1218 ई मअ रच्यो प्रशस्ति मअ बी ई ठाम को परमाण मलअ छअ। ख्यो जावअ छअ कअ विलास का सासक भीमसा नअ अपणी छोरी को ब्याऊ रणथम्भोर का गर्वनर कअ लारां करबा सूं मना करदी तो उनअ यां का मन्दर तोड़द्‍या। ई लड़ाई मअ भीमसा मार्यो ग्यो। वांकी छोरी नअ विलासी नन्दी मअ कुदअर खुद की ज्यान दे दी। या ठाम आबाणु बी कन्यादेह का नाऊ सूं परसिद छअ।

जिला झालावाड़:- बोद गुफाए अर स्तम्भ (विनायगा): विनायगा गांऊ कअ उत्‍तर मअ लेटेराइट पहाड़ी पअ पुरब मअ सूं पश्‍चिम दसा की आडी बोद गुफाए खोदी गी छी। जिनअ सादारूप सूं विहार कअ लारां स्तूप बी बण्या छअ। यां मुख्य देखबाळी स्तूपाकार विहार छअ। जिकअ अदर्यास भाग मअ पराणी चेत्यगरअ अर चेत्य गवाक्ष बणाया ग्या छअ। एक नाळी गुफा, जिमअ दो ओर कमरा की कतार अर बीच मअ खुलो आगंण छअ। पाछअ एक बन्द गलियारो छअ। जिकी छत मेहराबयुक्‍त छअ अर बीच का क्‍वांड कअ दोन्‍नी आडी एक-एक कमरो बण्यो छअ। या सन्दी गुफा मअ छत-छपाट छअ। अर एक गुफा दो इमारत छअ।

निरंजनी गुफा- या गुफा गांऊ कअ दक्षिण मअ निरंजनी सिव मठ कअ गोडअ छअ।  यो फोरो कमरो छअ। जिंको माप 3.50*3.50 मीटर छअ। अर उत्‍तर की दसा मअ गुस्बा को द्‍वार छअ। गुफा कअ मलाडी को ईस्सो अलंकरण विहीन छअ। जिंकी डाकळी दो खम्भा पअ टिकी छअ।

सेलीगत विसेसता कअ आदार पअ या गुफा की टअम करम  9वी अर 10वी सताब्दी ई कअ लंगढंग छअ।

बोद गुफा ( हथियागोड़): पचपाड़ सूं विनायगा जाते हुए पगाड़िया गांऊ कअ 3 किमीमीटर दक्षिण मअ हातीगोड़ की पहाड़ी कअ नाऊं सूं परसिद पहाड़ी पअ बोद धरम सूं लारां पांच गुफा छअ। यामअ एक गुफा की डाकळी मेहरायु्क्‍त छअ। अत थोड़ी पअ चोकोर चबूतरा पअ स्तूप बण्यो छअ। या गुफा 7-8 वी सताब्दी मअ बोद भिक्षुओ कअ रअबा अर पुजा क्ले बणाई गी छी।

बोद गुफाए, स्तम्भ अर मुरत्यां (कोल्वी ) : केसरा गांऊ कअ पश्‍चिम मअ कोल्वी गांऊ कअ दक्षिण-पश्‍चिम दसा मअ पहाड़ी पअ लेटेराइट चट्‍टान को काटर बणाई गी छी। लगंढंग 50 गुफा बोद सम्परदाय सूं जुड़ी छअ। ज्ये पहाड़ी कअ दक्षिण-पश्‍चिम अर पुरब दसा मअ छअ। वातावरण कअ

असर सूं या गुफा मअ घणो नुकसाण पोच्यो छअ। गुफा नअ काटर स्तूप बणाया ग्या छअ। ज्ये अपणा आकार मअ बड़्या छअ। स्तूप इस्कीम मअ चोकोर चबूतरा कअ दोन्‍नी कनारा पअ मोल्ड़िंग छअ अर अदर्यास बेलण आकार को ईस्सो छअ। ईकअ च्यारू दसा मअ चेत्य गवाक्षों मअ बुद की मुरत्या खुदी छअ।

पराणो मन्दर चन्दरभागा (झालरापाटन ): रास्तान कअ पराणा मन्दरा मअ एक झालरापाटन  मअ सीतलेस्वर महादेव मन्दर को बणबो वि. स. 746 (689ई.) मअ देव कअ भाई नअ पाछो करायो ग्यो छअ। क्षेतिज इस्कीम मअ यो मन्दर गरभ गरअ, अन्तराल अर मण्डप जुड्‍़यो छअ। ज्ये 26 फोटू  

सेळी खम्भा पअ आदारित छअ। पराणो मन्दर सुरज मन्दर (झालरापाटन) नगर कअ बीचमअ सुरज मन्दर ज्ये कोणार्क कअ सुरज मन्दर कअ बादमअ दूसरो स्थान मान्यो ग्यो छअ। मन्दर को मूळ सिखर बी कोइनअ अर सिव का मन्दर कअ सिर लकुलीस अंकलन छअ। या नाळा मन्दर मअ

दुरगा मन्दर, कालिका देवी मन्दर, महादेव (लकुलीस), विसणु अर वराह मन्दर परमुख छअ। ये गुफा 7-8 वी सताब्दी मअ बोद भिक्षुओ कअ रअबा अर पूजा क्ले बणाई गी छी।